गुजरात में बीजेपी ने सारे पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं और नए रिकॉर्ड ऐसे बनाए हैं, जिन्हें तोड़ना भविष्य में किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए मुश्किल होगा. गुजरात विधानसभा में विपक्ष के पास नेता प्रतिपक्ष तक का स्कोप नहीं बचा है.
बेशक गुजरात को बीजेपी के 'हिंदुत्व की लेबोरेटरी' कहा जाता है लेकिन अब वो गुजरात प्रयोगशाला से कहीं आगे बढ़ चुका है.
27 सालों से गुजरात में शासन करने के बाद भी बीजेपी को करीब 53 प्रतिशत वोट मिले हैं. हालांकि दूसरी तरफ बीजेपी को हिमाचल और दिल्ली के एमसीडी चुनाव में हार का सामना भी करना पड़ा है.
करीब डेढ़ साल बाद देश में आम चुनाव होने हैं. गुजरात में बीजेपी की बंपर जीत के बाद ऐसे कई महत्वपूर्ण सवाल हैं जिनकी चर्चा अभी से शुरू हो गई है.
इन चुनाव नतीजों का राष्ट्रीय राजनीति पर क्या असर होगा? क्या 2024 में बीजेपी के रथ को विपक्ष रोक पाएगा?