आज दिनांक 9-12-22 को सृजनधारा हिन्दी त्रैमासिक के दिसम्बर 22 अंक का लोकार्पण माननीय उपभोक्ता न्यायालय के पूर्व जज आदरणीय श्री आमोद राठौर साहब द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा हिन्दी भारतीय संस्कृति कला और संस्कारों की सुरधुनी है,। देश की 70% आबादी द्वारा हिन्दी बोली जाती है और अमेरिका, रुस, मारीशस, और कैलीफोर्निया और अन्य देशों मे हिन्दी सर्वोच्च और उत्कृष्ट भाषाई सम्मान का परचम लहरा रही है, हिन्दी को भारत की राष्ट्रभाषा का दर्जा मिलना ही चाहिए, भारत सरकार को इस विषय मे अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। सृजनधारा हिन्दी साहित्य को और संस्कृति को घर घर तक पहुंचाने का कार्य कर रही है, यह पत्रिका सरकार की नयी शिक्षा नीति और पाठ्यक्रम के अनुरूप कार्यों के निष्पादन मे मील का पत्थर साबित होगी।
सृजन धारा हिंदी त्रैमासिक पत्रिका का दिसम्बर 22 अंक का लोकार्पण माननीय उपभोक्ता न्यायालय के पूर्व जज आदरणीय श्री आमोद राठौर साहब द्वारा किया गया।
December 09, 2022
0
रिपोर्ट - ऑफिस डेस्क, लखनऊ।
Tags
Share to other apps