जनपद व प्रदेश मे गौवंश की कब्रगाह बनी गौशाला भूख से लगातार दम तोड़ रहे गोवंश.
Wrtten By: Prashant Tiwari
बेसहारा बनकर खेत व सड़क गौशाला में घूमने वाली गोवंश की दुर्दशा बहुत निंदनीय है गौशालाओं का औचक निरीक्षण करते गौ सेवा प्रभारी अंकित शुक्ला ने गौशालाओं की स्थिति बहुत निंदनीय बताई वहीं जनपद में गौशाला में गौवंश भूख प्यास दवा ना मिलने से तड़प तड़प कर मर रही है गाय धूप में खुले में मिली वहीं भूसे के स्टाक रजिस्टर और पशु रजिस्टर में गड़बड़ी मिली हैं गौ सेवा प्रभारी अंकित शुक्ला ने कई ग्राम पंचायत में पहुंचकर गौशाला का निरीक्षण किया निरीक्षण के दौरान गोवंश की ऐसी दुर्दशा कैसे हो सकती है अभी भी गौशालाओं की हालत में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा गौशाला में जानवरों के खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं है गोवंश पानी के अभाव में भूख से तड़प तड़प कर मर रहे हैं सूत्रों की मानें तो 1दिन में सैकड़ों से अधिक गोवंश की मौत हो जाती है वहीं देखभाल करने वाला कोई नहीं है खुले में मरे पड़े गोवंश को चील कौवे कुत्ते नोच नोच कर खा रहे हैं कुछ गौ माता भूख प्यास की वजह से फिर नहीं सकती जिन्हें कुत्ते नोच कर खा रहे हैं आखिर कब बनेगा सपनों का उत्तर प्रदेश उन्होंने गौशाला में गौवंशों की हालत व उनके इलाज, साफ-सफाई, भूसा, हरा चारा, दाना व अन्य अभिलेखों को देखा। उन्होंने वहां पर मौजूद सेवादारों से बातचीत की निरीक्षण के दौरान गौशालाओं में कई कमियां मिली गौशालाओं में मिली कमियों व वहां फैली अव्यवस्था को लेकर गौ सेवा प्रभारी अंकित शुक्ला ने नाराजगी जताई गौशाला में निरीक्षण के दौरान गौशाला के पास जो जगह खाली पड़ी है उसमें फेंसिंग करा कर चारागाह के लिए प्रयोग किया जाए तथा गौशाला में पीपल, पाखर, बरगद जैसे छायादार वृक्ष भी लगवाए जाएं उन्होंने कहा कि चरागाह के पास जो खड़ंजा सही नहीं है उसका मरम्मत कराकर ठीक कराया जाए।
सेवकों के लिए उन्होंने निर्देश दिए कि हमारी टीम निस्वार्थ सेवक के रूप में गोवंश सेवा करने को आगे है साथ ही गोवंश को सड़क व खेत से जनपद के कुछ गौशालाओं वह कोई ऐसा गौशाला दिया जाए स्थाई जहां पर यह सब गाय बांधी जा सके जनपद में सड़क खेत मुक्त गौवंश बनाने का संकल्प लेकर निकल चुके प्रभारी अंकित शुक्ला शासन प्रशासन की मदद मिलेगी तो जनपद ही नहीं पूरे प्रदेश में काम करने का कार्य करेंगे प्रभारी अंकित शुक्ला ने बताया कि हमारी टीम बहुत ही सक्रिय रहती है अभी भी 751 गोवंश की दवा चारा सेवा कर चुके हैं आगे भी कर रहे हैं.